Hunter Story : अपने सफर को याद करते हुवे जॉय हुकिल बताते है, इस काम के प्रति उनकी काफी दिलचस्पी रही है, शुरुवात दौर में उनको ये विस्वास नहीं था की ये इनका ये सफर आगे तक चलेगा | लेकिन बाद में इन्होने ने देखा की इनके एक नरभक्षी मार देने से पुरे जिले की लोगो की रक्षा हो रही है ये देखते हुवे इन्होने इस कार्य को जरी रखा
श्रीनगर गढ़वाल : आदमखोर जानवर को देखते हुवे अच्छे – अच्छे के पसीने छूट जाते है पर इसी उत्तराखंड में एक ऐसा सख्स भी है जिससे आदमखोर जानवर खौफ खाते है, नाम है जॉय हुकिल जॉय अभी तक 47 आदमखोरों को मार चुके है , ऐसे तो शिकार गैरकानूनी है पर जॉय अपने राज्य सरकार द्वारा मिले निर्देशन पर ही आदमखोर को मारते हैं |
जॉय उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल के रहने वाले है ये अब तक 47 आदमखोर गुलदार तथा बांघों का शिकार कर चुके है, जॉय ऐसा नहीं है की जॉय जानवरो के दुश्मन है, बल्कि वो एक जंतु – प्रेमी आदमी है, वो अपना अधिकतर समय जंगलो में बिताते है पर जब पहाड़ो पर जब एक आदमखोर गुलदार सक्रिय हो जाता है तब उस क्षेत्र में ना जाने कितने मासूम लोग उस नरभक्षी गुलदार के शिकार बनते – फिर आते है शिकारी जॉय हुकिल और उस गुलदार का काम तमाम करते है
एक सामान्य गुलदार नरभक्षी कैसे बन जाता हैं
शिकारी जॉय हुकिल बताते है की एक सामान्य गुलदार के नरभक्षी होने के कई कारण है | जिसका एक मुख्या कारण होता है गुलदार का उम्र अपने चरण सीमा पर होना, जब एक गुलदार उम्रदराज हो जाता है तो और उसके आगे का केनायन { नुकीले दांत } दांत पहले जैसा नहीं काम नहीं कर पाता है, तो वो इंसान टेरेटरी में आने लगता है फिर वो धीरे धीरे वो इंसानो द्वारा पाले गए जानवरो पर हमला करके अपना निवाला बनता है|
जब वही कुछ दिन बाद वो वही छोटे बच्चो पर हमला कर देता है, जिससे वह यह देखता है की ये तो सबसे आसान शिकार है तब वह पहले छोटे छोटे बच्चो के साथ साथ बुजुर्गो पर हमला करता है फिर वो एक आदमखोर गुलदार बनता है |
आदमखोर गुलदार की पहचान मुश्किल ?
जॉय हुकिल बताते है की आदमखोर गुलदार की पहचान करना करना एक मुश्किल कार्य है, घने जंगल हो या जहा एक से अधिक गुलदार या बाघ हो, वहा कोई बैज्ञानिक तरीका नहीं होता है, यह बरसो के अनुभव से ही ये संभव हो पाता है, जॉय बताते है की वो अभी तक 47 नरभक्षीयो का शिकार कर चुके है, लेकिन जॉय नहीं चाहते है की उनका आंकड़ा इससे आगे बढे वह कहते है की उन्हें बहुत ही दुःख होता है लेकिन उनके पास इसके अलावा कोई अन्य चारा नहीं है
जब एक आदमखोर से आमना सामना हुआ
जाय आपबीती सुनाते हुवे कहते है की – एक बार रुद्रप्रयाग में एक नरभक्षी की दहशत थी, स्थानीय शिकारी ने गुलदार को गोली मार दी पर, गुलदार मरने के बजाये घायल हो गया और आम लोगो पर हमला करने लगा तब जॉय को बुलाया गया, वो मौके पर पहुंचे और हालात समझ ही रहे थे की अचानक वो नरभक्षी गुलदार सीधे उनपर कूद पड़ा – उन्होंने ने रायफल की नाल से उसे एक तरफ फेंक दिया और हुकिल के साथी अज़हर ने गुलदार को gole