The Real Story Of a AGHORI – एक अघोरी ने कैसे एक 12 साल के भूत की मदद की – Aghori help to a Baby Ghost 2024
The real Story of AGHORI Ramkaran Nath : ये कहानी दिल्ली के बसंत बिहार स्थित श्मशान भूमि बसंत गांव की है.ये श्मशान अभी भी वीरान पड़ी रहती है, यहाँ रात में तो दूर की बात है लोग यहाँ दिन में भी लोग आने से कतराते है, बताते है की ये शमशान भूमि शापित है इसलिए ये श्मशान भूमि के आस पास कोई नहीं दिखता है ।

The Real Story Of a AGHORI
आइए अब एक असल कहानी की शुरुवात करते है- कहानी The Real Story Of a AGHORI एक अघोरी ने कैसे एक 12 साल के भूत की मदद की
ये कहानी 2020 की है जब भारत में कोरोना से लोगो की हजारो मौत होने लगी और दफनाने के लिए जगह कम पड़ने लगी थी तब दिल्ली की स्थिति बहुत ही भयावह हो गई थी, तब उत्तरप्रदेश के काशी से केदारनाथ के लिए जा रहे थे बाबा अघोरी रामकरन नाथ जी, वो जब दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुँचे तब तक सम्पूर्ण भारत में लाकडाउन घोषित हो चुका था।
वहाँ रेलवे सुरक्षा कर्मचारियों ने बाबा को समझाया की वो अब आगे नहीं का सकते क्यो अब भारत में लॉकडाउन लग चुका है और आगे अब कोई कुछ नही मिलेगा, बाबा को रेन बसेरा में रहने के लिए बोला गया पर वो ठहरे अघोरी उन्होंने एक रात किसी तरह से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर रुके और अगली सुबह उनको कोई देखा नहीं क्यो की वहाँ अघोरी रामकरण नाथ थे नही ।

The Real Story Of a AGHORI – एक अघोरी ने कैसे एक 12 साल के भूत की मदद की
अघोरी राजकरण नाथ निकल चुके थे शमशान भूमि के खोज में क्यो की जब कोई साधन नही मिला उनको केदारनाथ जाने के लिए तो उन्होंने सोचा की क्यो ना अपनी श्मशान में जाकर साधना ही करे, ये मानकर उन्होंने रात्रि को 2 बजे ही अपने बिस्तर से उठकर पैदल चल दिए, आगे दिल्ली उनके लिए नई थी पर वो एक शमशान की खोज में निकल गए चलते चलते वो पहुँचे वसंत विहार के वही शापित श्मशान भूमि में, दोपहर के समय हो चुका था जब वो श्मशान में अपना पहला कदम रखा तो उनको आर श्मशान से इस श्मशान अलग ही दिख रहा था।

The Real Story Of a AGHORI
वो अपने सिद्धियो से समझ गए की ये एक शापित शमशान भूमि है। फिर उन्होंने देखा की एक चीता जल रही है पर उस चीते के साथ उस मरे हुवे के परिवार वाले भी नही है, फिर भी वो ये बातो पर गौर ना करते हुवे वो कुछ पहले से जले हुवे चीते के पास गए और उनके से कुछ हड्डी और कुछ जला हुआ मांस निकला और खाये, फिर कुछ देर सोचे की आराम कर लू फिर वही वो थोड़े देर आराम किए।
जब रात्रि में जागे और अपने शमशान साधना के लिए तैयार हुवे और बैठ गए साधना में, ध्यान लगाए बैठे बैठे उनको रात्रि के 1 बजे उनका ध्यान अचानक टूटा – वो देखते है की एक छोटा बालक पास में बैठकर बिलख – बिलख के रो रहा है। अघोरी बाबा को बड़ा आश्चर्य हुआ की इतनी रात को ये बालक यहाँ क्या कर रहा है ? क्या ये बालक है या फिर यही की कोई भटकती हुई रूह?

The Real Story Of a AGHORI
बाबा आप हमारी मदद करिए, वो लोग मेरे माँ और पिता जी को भी मारने वाले है कभी भी मार सकते है, बाबा आप मेरी मदद करिए
अघोरी बाबा – ठीक है बालक एक काम करता जो पहले मैं तुम्हें सिद्ध कर लेता हू, फिर तुम अपने हाथो से ही अपने मृत्यु का बदला अपने दुश्मनों से लेना, ये बोलकर अघोरी बाबा ने उस बालक को कच्चे-कलवा के रूप में सिद्ध करने का ठान लिया

The Real Story Of a AGHORI
ये कहानी सत प्रतिशत सत्य है और ये परिवार आज भी दिल्ली में है, हम इस कहानी को बाबा अघोरी रामकरण नाथ जी के सुनायी सच्ची घटना पर आपको सुना रहे है अपने इस वेबसाइट के माध्यम से
आगे की कहानी जल्द ही आपको The Real Story Of a AGHORI सुनने को मिलेगी तब तक आप लोग हमारे इस वेबसाइट पर बने रहिए
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अगर आप The Real Story Of a AGHORI की अगली भाग को पढ़ना है तो आप जरूर बताइयेगा The Real Story Of a AGHORI
ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है और इस कहानी The Real Story Of a AGHORI को खु होने ज़ुबानी अघोरी बाबा ने अपने मुँह से एंड खबर के ऑफिस में बताये है, The Real Story Of a AGHORI का अगला भाग तैयार है आपलोग जब बोलेंगे कमेंट में तो अगला भाग आप लोगो के बीच में आएगा।
ये कहानी The Real Story Of a AGHORI दिल्ली की असल जिंदगी की कहानी है, अघोरी बाबा द्वारा The Real Story Of a AGHORI हुआ ये घटना hai.

The Real Story Of a AGHORI
जब अघोरी उस बालक के पास गया तो बालक से पूछा – बच्चा क्यो रो रहे हो और कौन हो तुम ?
तब बच्चे ने जवाब दिया की मेरा नाम पिंकु है बाबा मेरी मृत्यु अभी 10 दिन पहले हुई है । मैं सीढी से गिरकर मर गया हो बाबा, तब अघोरी ने उस बालक से पूछा कि- ही बच्चा आओ मैं तुम्हें इस मृत्यु लोक से आजाद कर दु अब ये धरती तुम्हारे लिए नहीं है आओ, फिर अघोरी बाबा कुछ मंत्रा पढ़ने लगते है. तब अचानक उस बालक ने ने बोला बाबा हमे कुछ दिन रहने दीजिए आप हमे इस धरती पर मुझे अपने माता पिता जी को दिल भर के देखना है । इतना बोलकर वो फिर से रोने लग गया।
ये देखकर अघोरी बाबा ने उस पिंकु से पूछा की ‘ जब तुम्हारी मौत हुई थी तो तुम्हारी आयु क्या थी बच्चा , तब पिंकु ने कहा की मैं 8वर्ष का था और मेरे को मेरे चचेरा भाई ने सीढ़ी पर से नीचे धक्का देकर मार दिया है ।
तब अघोरी बाबा ने पूछा “ तुम्हारे चचेरे भाई? वो क्यो तुम्हे मारेंगे – कौन कौन है बच्चा तुम्हारे परिवार में”
पिंकु- बाबा हमारे पिता जी दो भाई है मेरे पिता जी बड़े है. और मैं अपने माता – पिता जी का इकलौता लड़का था और मेरे पिता जी भारतीय वायु सेना में कार्य करते है, वही मेरे पिता जी के छोटे भाई यानी मेरे चाचा जी जो की कुछ नहीं करते है और उनको तरह तरह के नशे का लत है. उनके दो बेटे है मेरे चाचा जी को हम लोगो के पैसा और ज़मीन पर नजर था।
वही नही उनके दोनों बेटे और चाची भी हमे शुरू से मारने चाहते थे ताकि की सारी ज़मीन और पैसे चाचा जी यानी उनके दोनों बेटो को मिल जाये, फिर एक दिन सब लोग मिलकर उन लोगो ने मेरे प्रति साजिश किया मेरे पिता जी घर पर नही थे वो अपने ड्यूटी पर थे केवल माता जी और मेरे चाचा के परिवार था घर में उन्होंने प्लान किया की जब मैं रात के समय छत पर फोन देख रहा था तभी मेरे चाचा का बड़ा लड़का आकर मेरे पास बैठ गया और मेरे से बोलने लगा की –
जा बड़ी माँ तेरे को बुला रही है कब से जल्दी जा, तब में मैं छत से उतरने लगा और सीढी से उतर रहा ही था की मेरा भाई ने मुझे पीछे से मुझे धक्का दे दिया और मैं गिर गया ।फिर मेरे को कुछ याद नहीं पर जब मैं उठा, तो देखा मेरी माँ मुझे पकड़ के खूब चिल्ला चिल्ला के रो रही थी। मेरे को कुछ समझ में नहीं आया पर जब मैं उठा और माँ से पूछा – क्या हुआ माँ परेशान मत होवो मैं ठीक हू, ज़्यादा चोट नहीं लगी है । पर में अचंभा में रह गया ? क्यो की मेरे माँ मेरी आवाज नही सुन पा रही थी।
और जब मैं पीछे मुड़कर देखा तो मैं नीचे गिरा हू । और मेरे सर पर गहरी चोट है, तब मैं सन्न रहा गया और वही बैठ गया कुछ समझ में नहीं आ रहा था की ये क्या हो रहा है, मेरे आँखो के सामने माँ तो रही है और मैं नीचे ज़मीन पर पड़ा हू ,
तो मैं फिर कौन हू तब समझ में आया की अब मेरी मृत्यु हो चुकी है और ये जानकर मैं खूब रो रहा हू पर मुझे ना कोई सुन सकता है ना देख सकता है ना महसूस कर सकता है । बाबा और सबसे दुख की बात ये है की जिसने मुझे मारा वही अब मेरे माता पिता को मारने वाले है कुछ दिन में. मेरे पिता जी मारने के दूसरे दिन ही आ गए और अभी भी वो घर पर ही है, पर दुख की बात ये है की मैं कुछ कर नहीं सकता !

The Real Story Of a AGHORI
बाबा आप हमारी मदद करिए, वो लोग मेरे माँ और पिता जी को भी मारने वाले है कभी भी मार सकते है, बाबा आप मेरी मदद करिए
अघोरी बाबा – ठीक है बालक एक काम करता जो पहले मैं तुम्हें सिद्ध कर लेता हू, फिर तुम अपने हाथो से ही अपने मृत्यु का बदला अपने दुश्मनों से लेना, ये बोलकर अघोरी बाबा ने उस बालक को कच्चे-कलवा के रूप में सिद्ध करने का ठान लिया

The Real Story Of a AGHORI
ये कहानी सत प्रतिशत सत्य है और ये परिवार आज भी दिल्ली में है, हम इस कहानी को बाबा अघोरी रामकरण नाथ जी के सुनायी सच्ची घटना पर आपको सुना रहे है अपने इस वेबसाइट के माध्यम से
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ये कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित है और इस कहानी The Real Story Of a AGHORI को खु होने ज़ुबानी अघोरी बाबा ने अपने मुँह से एंड खबर के ऑफिस में बताये है, The Real Story Of a AGHORI का अगला भाग तैयार है आपलोग जब बोलेंगे कमेंट में तो अगला भाग आप लोगो के बीच में आएगा।
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